शुक्रवार, 20 जनवरी 2017

हिन्दी साहित्य का इतिहास - आदिकाल की प्रमुख प्रवृतियाँ

हिन्दी साहित्य का इतिहास - आदिकाल की प्रमुख प्रवृतियाँ

हिन्दी साहित्य का इतिहास - आदिकाल की प्रमुख प्रवृतियाँ

**** आदिकालीन साहित्य के प्रमुख प्रवृत्तियों की विशेषताएँ जान सकेंगे।
**** रासो काव्यों का महत्व समझ सकेंगे।
**** अमीर खुसरो और विद्यापति का साहित्यिक महत्व समझ सकेंगे।
**** अपभ्रंश प्रभावित रचनाओं में सिध्द साहित्य, नाथ साहित्य, जैन साहित्य आदि प्रमुख हैं और अपभ्रंश के प्रभाव से मुक्त हिन्दी की रचनाओं में बीसलदेव रासो, परमाल रासो, पृथ्वीराज रासो, विद्यापति, खुसरो की पहेलियाँ आदि प्रमुख हैं।
**** आदिकाल को भाषा का संधिकाल कहा जाता है। इस काल में अपभ्रंश में रचनाएँ हो रही थीं तो अपभ्रंश का परिवर्तित स्वरूप भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है।